उर्दू नज्मे
तेरा ख़याल Urdu Poetry By Sujay Phatak (मुनफ़रिद की कलम से) तेरी यादों के साये में छिप कर मता-ए-जाँ मैं कभी तन्हा नहीं रहता तेरी अखड़ियों में ग़ुम हो…
तेरा ख़याल Urdu Poetry By Sujay Phatak (मुनफ़रिद की कलम से) तेरी यादों के साये में छिप कर मता-ए-जाँ मैं कभी तन्हा नहीं रहता तेरी अखड़ियों में ग़ुम हो…
रूह को रूह से जुदा कर दे हिज्र की इन्तेहाँ ही फ़ुर्क़त है हालतें देख कर मेरी उसको हो गयी मुझ से ही मुरव्वत है
हर मुद्दे की है इब्तिदा तुमसे हर अज़ाब की है दवा तुमसे एक राज़ की बात बताऊँ तुम्हें इश्क़ करता हूँ बे-इंतिहा तुमसे ज़माना भुला चुका है कम्बख्त दिल को…