जुनून मेरा
(motivational poem in hindi)
दरबदर है घूमे घर की तलाश में,
बुझे नहीं क्यों यह जो प्यास है,
दरखास्त है, आगाज है, जज्बात है,
जुनून मेरा…
मेरे निशान जो खो गए हैं ,
ढूंढूं कहां सब दूर हो गए हैं,
देखें तसल्ली दिल को समझाना
एहसास जो साथ का सब दूर हो गया है
चादर आसमान की चल दिया ओढ़ कर
राह दिखाया जमीन ने हर मोड़ पर
बर्दाश्त है, नाराज है, क्यों नहीं पास है,
जुनून मेरा ………
कदमों का ना देना थकने,
इरादों को कर लेना मजबूत ,
हासिल तो होगा ही यह दिन ,
तेरी मेहनत देगी सबूत
जुनून मेरा….
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Poem-2 /कविता -2
आंखों का देखा हुआ दिल तय करता है
वो हासिल कैसे यह दिमाग सोचता रहता है
अगर ना मिली वह चीज तो तकलीफ शरीर को होना ही है
आखिर में जिसने देखा था अब आगे वही आंसू बहा कर रोता है……
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Poem-3 /कविता -3
जब अकेला होता हूँ , रुला जाती है उनकी यादें,
फिर वही बीती बातें , याद दिला जाती है उनकी यादें
सोचा था छोड़ देंगे इस दुनिया को,
फिर भी जीने की आस जगा जाती हैं उनकी यादें
कभी हवाओं में फूलों की खूशबू की तरह, बिखर जाती है उनकी यादें
कभी मन की निराश तो कभी खुशियों के ढेर लगा जाती है उनकी यादें
बीते हुए लम्हों को नए रूप में दिखा जाती हैं उनकी यादें,
जब अकेला होता हूँ , रुला जाती है उनकी यादें………..
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Nikhil Upadhyay (Raaghav)
Placed : Mumbai
Working as IT professional
Hobby : writing , reading and outdoor game .
‘ you can’t get the rid if you not dig.’
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